Monday, February 25, 2013

न दिल ने कुछ कहा


न कुछ ख़बर हुई न एहसास हुआ
न कोई बात हुई न होश रहा
न कोई कसम खाई न वादा किया
न तुम कुछ बोले न दिल ने कुछ कहा

यूँ ही दिल में प्यार मचलने लगा
तुम्हारा साथ अच्छा लगने लगा
तुम ख़्वाबों में आकर सताने लगे
हम बेवजह मुस्कुराने लगे

दिलबर मेरी बाहों में आओ ज़रा
आँखों की मस्तियों को बढ़ाओ ज़रा
रूठे हुए अरमानों को मनाओ ज़रा
सोई हुई धड़कनों को जगाओ ज़रा

मेरी रूह को तुम आज छू लो
बाहों में मुझको तुम लो
बहकती साँसों को घुलने दो
दिलों को आज तुम मिलने दो

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